साप्ताहिक समीक्षा- चीनी
14-Jun-2025 07:48 PM

सीमित कारोबार के बीच चीनी का भाव नरम
नई दिल्ली। देश के अधिकांश भागों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहने के बावजूद आइसक्रीम एवं कोल्ड ड्रिंक्स निर्माण उद्योग में चीनी की जोरदार मांग नहीं देखी जा रही है। हालांकि सरकार ने जून माह के लिए 23 लाख टन चीनी की घरेलू बिक्री का जो कोटा निर्धारित किया है वह भारी-भरकम नहीं है और इससे बाजार पर ज्यादा दबाव नहीं बनना चाहिए था मगर कारोबार कुछ हद तक सुस्त रहने से 7-13 जून वाले सप्ताह के दौरान चीनी के मिल डिलीवरी भाव एवं हाजिर बाजार मूल्य में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई।
मिल डिलीवरी भाव
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी मूल्य पूर्वी उत्तर प्रदेश में 20 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा मगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 रुपए, पंजाब में 61 रुपए, मध्य प्रदेश में 20 रुपए, बिहार में 5 रुपए तथा गुजरात में 10-30 रुपए प्रति क्विंटल घट गया।
हाजिर भाव
चीनी का हाजिर बाजार भाव दिल्ली में 4240/4340 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर 4215/4300 रुपए प्रति क्विंटल, इंदौर में 40 रुपए घटकर 4080/4180 रुपए प्रति क्विंटल तथा मुम्बई (वाशी) में 30 रुपए गिरकर 3870/4070 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। दूसरी ओर इसका भाव रायपुर में 4110/4200 रुपए प्रति क्विंटल तथा कोलकाता में 4250/4350 रुपए प्रति क्विंटल के पिछले स्तर पर बरकरार रहा। चीनी का नाकापोर्ट डिलीवरी मूल्य 30 रुपए की नरमी के साथ 3820/4020 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में चीनी के टेंडर मूल्य में थोड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
गन्ना क्रशिंग
2024-25 के मार्केटिंग सीजन हेतु गन्ना की क्रशिंग का अभियान समाप्त हो चुका है और अब अगले महीने से दक्षिणी कर्नाटक तथा तमिलनाडु में विशेष सत्र आयोजित होने वाला है।
उत्पादन
चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आने के बावजूद इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और कीमतों में भी काफी हद तक स्थिरता का माहौल देखा जा रहा है।
स्टॉक
उद्योग के पास चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर 50 लाख टन के करीब रह सकता है। अगले सीजन के उत्पादन पर अभी कुछ हद तक अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। चीनी का निर्यात धीमी गति से हो रहा है जबकि वैश्विक बाजार भाव घटकर काफी नीचे आ गया है। ब्राजील में उत्पादन की गति धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है।