पाकिस्तान एवं थाईलैंड में सीमित स्टॉक से चावल के वैश्विक भाव में सुधार

29-Apr-2025 01:57 PM

हैदराबाद। लगभग दो वर्षों के निचले स्तर तक गिरने के बाद चावल का वैश्विक बाजार भाव अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है क्योंकि थाईलैंड और पाकिस्तान जैसे आपूर्तिकर्ता देशों में इसका स्टॉक काफी घट गया है।

नई दिल्ली के एक अग्रणी निर्यातक के अनुसार पिछले दो-चार दिनों के दौरान चावल के दाम में सुधार आया है क्योंकि खासकर थाईलैंड में इसका स्टॉक बहुत कम बचा है। 

राईस एक्सपोर्टर्स एसोसिशन के अध्यक्ष का कहना है कि घरेलू प्रभाग में चावल के दाम पर दबाव बना हुआ है क्योंकि छत्तीसगढ़ में 35 लाख टन चावल के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने के लिए टेंडर जारी होने वाला है।

व्यापारियों को आशंका है कि इस टेंडर में चावल का ऑफर मूल्य नीचे स्तर का हो सकता है जिससे कीमतों पर ज्यादा दबाव पड़ेगा। दिलचस्प तथ्य यह है कि म्यांमार के चावल का मूल्य भारत की तुलना में ज्यादा प्रतिस्पर्धी चल रहा है लेकिन इस पड़ोसी देश में निर्यात योग्य चावल का स्टॉक ही सीमित बचा हुआ है इसलिए भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। 

एसोसिएशन के अनुसार अप्रैल-मई में भारतीय चावल के निर्यात की गति कुछ धीमी रह सकती है मगर जून से इसकी रफ्तार तेज हो जाएगी। चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारी मात्रा में चावल का निर्यात शिपमेंट किया गया।

भारत में चावल का भरपूर स्टॉक बचा हुआ है और इसलिए इसके शिपमेंट में कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन जैसे अफ्रीकी देश पहले ही भारत से भारी मात्रा में चावल का आयात कर चुके।

वहां विशाल स्टॉक की खपत होने में समय लगेगा इसलिए वहां मांग कमजोर रहने की संभावना है। वैसे वैश्विक चावल निर्यात बाजार में भारत के दोबारा प्रवेश करने से प्रतिद्वन्दी आपूर्तिकर्ता देशों की कठिनाई अवश्य बढ़ गई है। 

वर्तमान समय में 5 प्रतिशत टूटे भारतीय सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 379 डॉलर प्रति टन चल रहा है जो पिछले सप्ताह से 3 डॉलर कम है।

पाकिस्तान और वियतनाम ने भी अपने चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में 3 डॉलर और 4 डॉलर प्रति टन की कटौती कर दी है मगर थाईलैंड ने ऑफर मूल्य को 8 डॉलर प्रति टन बढ़ा दिया है।

जहां तक सेला चावल का सवाल है तो भारतीय खाद्यान्न का निर्यात ऑफर मूल्य पाकिस्तान से 31 डॉलर तथा थाईलैंड से 55 डॉलर प्रति टन नीचे चल रहा है।