मसूर: ऑस्ट्रेलियाई नई फसल की स्थिति और भारत पर असर (जून 2025)
17-Jun-2025 09:18 AM

मसूर: ऑस्ट्रेलियाई नई फसल की स्थिति और भारत पर असर (जून 2025)
★ इस महीने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया (SA) और विक्टोरिया (VIC) के प्रमुख मसूर उत्पादक क्षेत्रों में अब तक कम से कम 20 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे ऑस्ट्रेलिया की नई मसूर फसल की संभावनाएं काफी बेहतर हुई हैं।
★ अगर औसत उपज की संभावना बनी रहती है, तो किसान सितंबर तक बिक्री शुरू कर सकते हैं।
★ दक्षिण एशिया से मांग कमजोर होने से नई फसल की मसूर की कीमतें फिलहाल तत्काल डिलीवरी (प्रॉम्प्ट मार्केट) के मुकाबले लगभग 100 डॉलर प्रति टन कम।
★ बांग्लादेश और श्रीलंका सीमित मात्रा में उपलब्ध माल के लिए अच्छी मांग दिखा रहे हैं कीमतें विमेरा क्षेत्र में डिलीवरी पर लगभग 800 ऑस्ट्रलियन डॉलर प्रति टन चल रही हैं।
★ 1 अप्रैल से भारत में आने वाली मसूर पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लागू है।
★ हालांकि ऑस्ट्रेलिया–भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) के तहत प्रति तिमाही 37,500 टन मसूर पर 50 प्रतिशत शुल्क छूट ★ उपलब्ध है, जो पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दी जाती है। यदि कोई कोटा बचता है, तो वह अगले तिमाही में जोड़ा जा सकता है।
★ इस व्यवस्था के तहत, प्रत्येक तिमाही में एक या दो जहाज मसूर भारत भेजे जाने की संभावना बनी रहेगी।
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भारत पर असर
★ कनाडा और ऑस्ट्रलाई मसूर सितंबर- अक्टूबर से ही निर्यात के लिए उपलब्ध रहेगी, इस समय भारत में मसूर की उपलब्धता अच्छी।
★ आगामी मांग को देखते हुए यहाँ से कीमत मजबूत होने के मिल रहे हैं संकेत।