मार्च में मौसम एवं बारिश के अभाव से इलायची का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

02-Apr-2024 05:00 PM

कोच्चि । लम्बे समय से प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में वर्षा का अभाव होने तथा मौसम गर्म रहने से केरल में छोटी इलायची की फसल के लिए खतरा पैदा हो गया है। पिछले महीने यानी मार्च में वहां बारिश नहीं या नगण्य हुई जिससे उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है।

मध्य अप्रैल तक इलायची  की फसल के लिए एक दो अच्छी बारिश की सख्त जरूरत है अन्यथा इसका उत्पादन प्रभावित हो सकता है। मार्च से मई के दौरान मानसून पूर्व की वर्षा इलायची की फसल के लिए अत्यंत आवश्यक एवं महत्वपूर्ण मानी जाती है।  

केरल में इडुक्की जिले के वंदनमेडु की छोटी इलायची का प्रमुख उत्पादक एवं व्यापारिक केन्द्र माना जाता है। आमतौर पर मार्च में वहां 30 डिग्री सेल्सियस के करीब रहता है मगर इस वर्ष यह बढ़कर 34 डिग्री पर पहुंच गया।

यदि लम्बे समय तक तापमान ऊंचा रहा और बारिश नहीं हुई तो फसल के सूखने का खतरा बढ़ जाएगा। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इलायची के पौधों का अस्तित्व और उत्पादन अगले एक पखवाड़े की वर्षा पर काफी हद तक निर्भर करेगा। केरल में बारिश के अभाव की वजह से जल स्तर घट गया है जिससे इलायची बागानों में सिंचाई में कठिनाई होती है। 

व्यापार विशेषज्ञों की अनुसार किसान की मांग होली के आसपास अच्छी रही थी जिससे इलायची का औसत भाव सुधरकर 1500 रुपए प्रति किलो के करीब पहुंचा और अब भी कमोबेश वहीँ पर बरकरार है। रमजान की मांग अब भी मौजूद है। यदि मौसम की हालत प्रतिकूल रही तो आगे इलायची का  भाव और भी बढ़ सकता है। 

ग्वाटेमाला में पिछले साल इलायची (हरी) का उत्पादन उछलकर 54,000 टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था जो चालू वर्ष के दौरान लुढ़ककर 30,000 टन के करीब रह जाने की संभावना है।

यदि अप्रैल में केरल में मौसम अनुकूल रहा तो वर्ष 1982-83 के बाद पहली बार भारत में इलायची का उत्पादन ग्वाटेमाला से अधिक हो सकता है। वर्तमान समय में दोनों देशों की इलयाची के दाम में ज्यादा अंतर नहीं है इसलिए आगामी सप्ताहों में भारतीय उत्पाद  की निर्यात मांग बेहतर रहने की उम्मीद है।