भारत और कनाडा राजनयिक संबंध को मजबूत करने पर सहमत

18-Jun-2025 11:46 AM

ओटावा। भारत और कनाडा नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करने तथा नियमित राजनयिक सेवाओं को दोबारा बहाल करने पर सहमत हो गए हैं जो पिछले साल बंद हो गए थे।

कनाडा के अल्बर्टा प्रान्त में आयोजित जी-7 सम्मेलन में विशेष आमंत्रित के तौर पर भाग लेने गए भारतीय प्रधानमंत्री के साथ एक खास मीटिंग में कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास को दूर किया जाना चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि कनाडा ने पिछले साल छह भारतीय राजनयिक एवं कौंसुलर अधिकारियों को निष्कासित कर दिया था। इसके जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त एवं पांच अन्य कनाडियन राजनयिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया था।

तब से अब तक ये सभी पद खाली पड़े हुए हैं। दरअसल कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पर खालिस्तान समर्थन ग्रुप का दबाव पड़ रहा था और इसलिए उसे वह निर्णय लेना पड़ा था। 

वैसे राजनयिक सम्बन्ध खराब होने का दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ा और आयात-निर्यात की प्रक्रिया बदस्तूर जारी रही। भारत में कनाडा से विशाल मात्रा में पीली मटर तथा मसूर का आयात होता रहा।

जब भारत सरकार ने मसूर पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया तब वह सभी आपूर्तिकर्ता देशों पर समान रूप से लागू माना गया। कनाडा के लिए कोई अतिरिक्त सीमा शुल्क नहीं लगाया गया। इसी तरह पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात का निर्णय कनाडा के लिए भी मान्य है। 

कनाडा की पिछली सरकार के साथ भारत के रिश्ते अच्छे नहीं थे लेकिन वहां नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में गठित नई सरकार भारत से सम्बन्ध सुधारने का भरपूर प्रयास कर रही है।

इसके तहत उन्होंने जी-7 के सम्मलेन में कुछ महत्वपूर्ण देशों के राष्ट्राध्यक्षों / शासनाध्यक्षों को भाग लेने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री भी शामिल थे।

एक महत्वपूर्ण बाजार एवं व्यापारिक साझीदार के रूप में भारत के महत्व को समझने में कनाडा के नए प्रधानमंत्री को कोई दिक्कत नहीं हो रही है।