वर्ष 2024 में भारत से 57 लाख टन बासमती एवं 121 लाख टन सामान्य चावल का निर्यात

23-Jan-2025 01:05 PM

नई दिल्ली । तमाम सरकारी नियंत्रणों-प्रतिबधों के बावजूद भारत से वर्ष 2024 में चावल का कुल निर्यात 178 लाख टन पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 के सकल शिपमेंट 178.60 लाख टन से महज 60 हजार टन कम रहा।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान बासमती चावल का निर्यात 16.3 प्रतिशत बढ़कर 57 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया और ऊंची कीमत के बावजूद सऊदी अरब, इराक तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में इसकी जबरदस्त मांग बनी रही। 

दूसरी ओर वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के दौरान गैर बासमती या सामान्य श्रेणी के चावल का निर्यात 6.9 प्रतिशत गिरकर  121 लाख टन पर अटक गया क्योंकि निर्यात ऑफर मूल्य ऊंचा होने से बांग्ला देश, कैमरून, जिबूती तथा गाम्बिया जैसे देशों को चावल के आयात में कटौती करने के लिए विवश होना पड़ा। 

उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश बना हुआ है और वैश्विक निर्यात बाजार में 40-42 प्रतिशत का अकेले योगदान देता है।

हकीकत यह है कि भारत से चावल का वार्षिक निर्यात अन्य चार शीर्ष निर्यातक देशों- थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान तथा संयुक्त राज्य अमरीका के कुल संयुक्त सालाना शिपमेंट से भी ज्यादा होता है। 

व्यापार विश्लेषको के अनुसार आरंभिक चरण के दौरान वर्ष 2025 के मुकाबले 2024 में भारतीय चावल के निर्यात में 20 प्रतिशत से भी अधिक की जोरदार गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी

लेकिन अक्टूबर-दिसम्बर 2024 की तिमाही के दौरान विशाल मात्रा में चावल का निर्यात होने से पुरानी गिरावट की भरपाई हो गई और कुल निर्यात पिछले साल के निकट पहुंच गया। 

ध्यान देने की बात है कि वर्ष 2022 में भारत से चावल का कुल निर्यात तेजी से उछलकर 222.70 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था

जो कुल वैश्विक शिपमेंट 554 लाख टन के 40 प्रतिशत से भी अधिक रहा था। वर्ष 2025 में एक बार फिर निर्यात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।