भारत को अधिक बिक्री के लिए ऑस्ट्रेलिया के निर्यातकों द्वारा चना के दाम में कटौती

23-Jan-2025 05:16 PM

मेलबोर्न । भारत में 31 मार्च 2025 को देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा समाप्त हो जाएगी जिसे देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के निर्यातक जल्दी-जल्दी इसका निर्यात अनुबंध और शिपमेंट करने का प्रयास कर रहे हैं।

इसके फलस्वरूप वहां चना का निर्यात ऑफर मूल्य ब्रिसबेन बंदरगाह पर घटकर 890-920 डॉलर प्रति टन पर आ गया है जो मध्य दिसम्बर में 930 डॉलर प्रति टन चल रहा था। 

कुछ निर्यातकों एवं व्यापार विश्लेषकों को भारत में देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मार्च से आगे बढ़ने की उम्मीद है।

पिछले दिन भारत सरकार ने अरहर (तुवर) के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को एक साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी।

इसकी अवधि 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाली थी मगर उससे काफी पहले ही सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके इसे 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दिया।

समीक्षकों का कहना है कि यदि भारत में 1 अप्रैल से चना पर पुराना आयात शुल्क लागू हो गया तो ऑस्ट्रेलिया के उत्पादकों  एवं निर्यातकों को भारी कठिनाई हो सकती है क्योंकि वैसी स्थिति में भारत में इसका आयात लगभग ठप्प पड़ जाएगा और बांग्ला देश तथा पाकिस्तान जैसे बाजारों पर ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों को ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा।

नेपाल तथा संयुक्त अरब अमीरात सहित कुछ अन्य देश भी थोड़ी-बहुत मात्रा में ऑस्ट्रेलियाई चना का आयात करते रहेंगे। भारत में चना की बिजाई समाप्त हो चुकी है और पिछले साल के मुकाबले इस बार उत्पादन क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है।

मौसम की हालत सामान्य है लेकिन चना का कुल उत्पादन पिछले साल के आसपास ही स्थिर रहने की संभावना है। उधर ऑस्ट्रेलिया में चना का उत्पादन तेजी से बढ़कर 19 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है जो अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा उत्पादन स्तर है। 

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार क्वींसलैंड प्रान्त तथा न्यू साउथ वेल्स के मध्यवर्ती और उत्तरी क्षेत्र के उत्पादक फिलहाल गेहूं एवं जौ के बजाए अपने चना के स्टॉक को बेचने का जोरदार प्रयास कर रहे हैं ताकि भारतीय आयातकों को संतुष्ट किया जा सके।

बांग्ला देश और पाकिस्तान में भी ऑस्ट्रेलियाई चना में रमजान की मांग निकलने लगी है। आगे इसका बेहतर शिपमेंट होने के आसार हैं।