उत्तर प्रदेश में पीडीएस के जरिए फोर्टिफाइड आटा के वितरण की योजना

25-Apr-2025 05:18 PM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अपने खाद्य फोर्टिफिकेशन का दायरा बढ़ाने जा रही है। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को पायलट परियोजना के तहत फोर्टिफाइड गेहूं के आटे (व्हीट फ्लोर) का वितरण आरंभ करने का निर्णय लिया गया है।

इसकी घोषणा 19 वीं स्टेट कनेक्ट प्रोग्राम (एससीपी) के दौरान की गई जिसका आयोजन 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश राज्य एफडीए तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के खाद्य एवं कृषि उत्कृष्टता केन्द्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। 

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य में 40 प्रतिशत से अधिक आबादी एनीमिया (खून की कमी) से प्रभावित है।

इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार पहले ही राज्य के 865 पीडीएस आउट लेट्स (राशन दुकानों), 1823 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 102 राइस मिलों में चावल फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम लागू कर चुकी है जिससे लगभग 19.17 लाख लोगों को फायदा हो रहा है।

राज्य सरकार का अगला कदम गेहूं का फोर्टिफिाइड आटा आम लोगों को उपलब्ध करवाना है। इससे महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या दूर करने और पोषण सुरक्षा बढ़ाने में सहायता मिलेगी। 

खाद्य उत्पादों को बड़े पैमाने पर फोर्टिफाइड करने की आवश्यकता के विषय पर एक पूरा सत्र समर्थन किया गया था जिसमें अनेक संघों-संगठनों, विशेषज्ञों एवं अनुसंधान संस्थानों द्वारा विभिन्न तरह के सुझाव एवं विचार प्रस्तुत किए गए।

विशेषज्ञों ने चावल, गेहूं, खाद्य तेल एवं दूध आदि का फोर्टिफिकेशन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसकी आधुनिक विधियों एवं तकनीक का विवरण दिया।

यह भी कहा गया कि फोर्टिफाइड खाद्य उत्पाद देश से कुपोषण एवं एनीमिया आदि को दूर भगाने का कारगर माध्यम साबित हो सकता है और इसलिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में फोर्टिफिकेशन को क्रियान्वित किया जाना चाहिए।