उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की आवक बढ़ने के संकेत
03-Jul-2025 05:38 PM

गुंटूर। पिछले सप्ताह लालमिर्च के दाम में कुछ सुधार आया था जिससे उत्साहित होकर उत्पादकों ने मंडियों में आर्थिक मात्रा में अपना स्टॉक उतारना शुरू कर दिया।
दिसावरी व्यापारियों एवं स्थानीय डीलर्स के साथ-साथ निर्यातकों द्वारा भी लालमिर्च की खरीद में थोड़ी-बहुत दिलचस्पी दिखाई जा रही है।
यदि भारी आवक का दबाव बरकरार रहा तो कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है लेकिन अगर खरीदारों की लिवाली का समर्थन जारी रहता है तो बेहतर कारोबार के आसार बन सकते हैं।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार ग्रीष्मावकाश के बाद आंध्र प्रदेश की बेंचमार्क गुंटूर मंडी में करीब 45-50 हजार बोरी लालमिर्च की औसत दैनिक आवक हो रही है और अच्छी लिवाली के कारण कीमतों में तेजी मजबूती का माहौल बना हुआ था।
इस अनुकूल अवसर का लाभ उठाने के लिए उत्पादकों ने मंडी में अपने स्टॉक की आपूर्ति बढ़ानी शुरू कर दी जिससे लालमिर्च की दैनिक आवक बढ़ते हुए 60-65 हजार बोरी पर पहुंच गई।
खरीदारों की थोड़ी-बहुत लिवाली तो अब भी हो रही है लेकिन भारी आपूर्ति के कारण कीमतों में तेजी की रफ्तार धीमी पड़ गई है। लालमिर्च का दाम अब लगभग स्थिर होने लगा है।
तेलंगाना की वारंगल मंडी में सामान्य आवक के साथ लालमिर्च का भाव सीमित दायरे में ऊपर-नीचे हो रहा है आगामी समय में घरेलू एवं निर्यात मांग के आधार पर कीमतों में तेजी-मंदी का रुख बनेगा।
दोनों प्रमुख उत्पादक प्रांतों में मानसून की आंख मिचौनी चल रही है। जून माह के दौरान वहां वर्षा अपेक्षाकृत कम हुई लेकिन उससे लालमिर्च की बिजाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।
भारत से निर्यात होने वाले मसालों में मात्रा एवं आमदनी की दृष्टि से लालमिर्च प्रथम स्थान पर रहती है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान इसके निर्यात में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन चालू वित्त वर्ष में निर्यात का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।