देसी चना पर 11 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने पर विचार

26-Mar-2025 12:35 PM

नई दिल्ली। देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रही है जिसे देखते हुए सरकार को इसे बंद करने या आगे जारी रखने के बारे में जल्दी ही निर्णय लेना पड़ेगा।

समझा जाता है कि सरकार फिलहाल चना पर 11 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने पर विचार कर रही है जिसमें 5 प्रतिशत का बुनियादी आयात शुल्क, 5 प्रतिशत का कृषि संरचना एवं विकास सेस तथा 1 प्रतिशत का समाज कल्याण सेस शामिल हो सकता है। 

वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने इस आशय के प्रस्ताव की सिफारिश की है जिस पर अंतर- मंत्रालयी समिति की अगली बैठक अंतिम निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। समिति की बैठक (आज) 26 मार्च  को होने वाली है। 

उल्लेखनीय है कि मई 2024 में चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति पहली बार दी गई थी और फिर इसकी समय सीमा 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई। इससे पूर्व इस पर कुल 66 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू था।

सरकार मसूर पर भी 11 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू कर चुकी है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार दलहनों का आयात रोकना नहीं चाहती है और इसलिए केवल 10-11 प्रतिशत का मामूली या सांकेतिक शुल्क लगाना चाहती है।

पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मई 2025 तक तथा तुवर एवं उड़द के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 मार्च 2026 तक पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। 

घरेलू प्रभाग में नए चने की जोरदार आवक पहले से ही हो रही है जिससे इसका भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (5650 रुपए प्रति क्विंटल) से नीचे आ गया है। 10-11 प्रतिशत का सीमा शुल्क चना के आयात को रोकने में ज्यादा कारगर साबित नहीं होगा।