सीएसीपी द्वारा पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश
29-May-2025 07:43 PM

नई दिल्ली। विदेशों से दलहनों के सस्ते एवं निर्बाध आयात से घरेलू बाजार भाव तथा किसानों के हितों पर पड़ने वाले गंभीर प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
इसके साथ-साथ आयोग ने सरकार को अन्य दलहनों जैसे अरहर (तुवर), उड़द एवं मसूर आदि पर आयात शुल्क लगाने का सुझाव भी दिया है। उड़द एवं तुवर का आयात 31 मार्च 2026 तक शुल्क मुक्त है जबकि मसूर पर 10 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाया गया है।
आयोग का कहना है कि सभी दलहनों पर आयात शुल्क बढ़ाया जाना चाहिए। भारतीय किसानों को उसके उत्पादों का बेहतर मूल्य (वापसी) सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने 2025-26 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए गैर मूल्य नीति का जो सुझाव दिया है उसमें इस तरह की सिफारिश की गई है।
उल्लेखनीय है कि 2025-26 के सीजन हेतु आयोग ने विभिन्न खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 1 से लेकर 13.9 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी का सुझाव दिया था जिसे थोड़े-बहुत संशोधन के साथ सरकार ने स्वीकार कर लिया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा भी की जा चुकी है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य सुनिश्चित करना दलहनों एवं खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इस पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा सरकार को किसानों के लिए अनुकूल एवं हितैषी नीति बनानी चाहिए जिससे उत्पादकों को उसके उत्पादों (दलहनों) का ऊंचा मूल्य प्राप्त करने में सहायता हासिल हो सके। दलहनों के आयात खर्च को न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रखने के लिए ठोस तंत्र का विकास किया जाना चाहिए।
दलहनों एवं खाद्य तेलों का सस्ता तथा निर्बाध आयात भारतीय किसानों के लिए हितकारी नहीं है और इसके फलस्वरूप तुवर, उड़द,
मसूर एवं चना जैसे दलहन तथा सोयाबीन एवं मूंगफली जैसे तिलहन का भाव अपने शीर्ष स्तर से लुढ़ककर अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे आ गया है या उसके आसपास रह गया है। पीली मटर का आयात जारी रखना ठीक नहीं होगा।