पांच वर्षों में भारतीय काजू के निर्यात में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

23-Nov-2023 05:10 PM

कोच्चि । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से 2017-18 के वित्त वर्ष में 87.366 करोड़ डॉलर मूल्य के प्रसंस्कृत काजू का निर्यात हुआ था जो वित्त वर्ष 2022-23 में 50 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 33.287 करोड़ डॉलर रह गया।

भारतीय मुद्रा में यह निर्यात आमदनी 5627.81 करोड़ रुपए से लुढ़ककर 2677.61 करोड़ रुपए पर अटक गई। वित्त वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारतीय काजू का सबसे प्रमुख खरीदार रहा जिसने 12.60 करोड़ डॉलर मूल्य के काजू का आयात किया। इसके बाद हॉलैंड ने 3.64 करोड़ डॉलर तथा जापान ने 3.523 करोड़ डॉलर मूल्य के काजू का आयात किया। 

उधर वियतनाम से चालू वर्ष के शुरूआती 10 महीनों में यानी जनवरी-अक्टूबर 2023 के दौरान काजू का निर्यात बढ़कर 2.95 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के निर्यात से करीब 16 प्रतिशत अधिक है।

वियतनाम सरकार ने वर्ष 2023 की पूरी अवधि के लिए 3.10 अरब डॉलर मूल्य के काजू का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है जो 2022 के कुल वास्तविक निर्यात 3.07 अरब डॉलर से कुछ अधिक है। निर्यात की अब तक की गति को देखते हुए सरकार को यह लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाने का भरोसा है। 

भारत पहले काजू का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश था लेकिन अब वियतनाम उससे काफी आगे निकल गया है। एक खास बात यह है कि भारत का घरेलू बाजार अत्यन्त विशाल है और यहां उत्पादित काजू के अधिकांश भाग की खपत घरेलू बाजार में ही हो जाती है।

दूसरी ओर वियतनाम एक छोटा देश है जहां काजू की खपत बहुत कम होती है और इसलिए उसे अपने कुल उत्पादन के 90-95 प्रतिशत काजू का निर्यात करने का अवसर मिल जाता है। भारत अपने कुल काजू उत्पादन के 10-15 प्रतिशत भाग का ही निर्यात करने में सफल हो पाता है।

वियतनाम में वर्ष 2002 के दौरान काजू प्रोसेसिंग इकाइयों के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण का अभियान आरंभ हुआ था जिसमें अमरीका ने उसकी भरपूर सहायता की थी।

इसके परिणामस्वरुप वहां लागत खर्च में भारी गिरावट आ गई और उसके सस्ते काजू की मांग वैश्विक बाजार में तेजी से बढ़ने लगी। उसके काजू की क्वालिटी में भी काफी सुधार आ गया।

हालांकि अब भी भारतीय काजू की क्वालिटी उससे काफी अच्छी होती है और इसका स्वाद भी बढ़िया रहता है मगर विदेशी आयातक वियतनामी माल की खरीद पसंद करते हैं क्योंकि वह सस्ता होता है।