ऑयलमील निर्यात – अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 में 12% की गिरावट: SEA
18-Mar-2025 12:16 PM

ऑयलमील निर्यात – अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 में 12% की गिरावट: SEA
★ फरवरी 2025 में कुल 3,30,319 टन ऑयलमील का निर्यात हुआ, जबकि फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 5,15,704 टन था, यानी निर्यात में 36% की गिरावट दर्ज की गई।
★ अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान कुल 39,33,349 टन ऑयलमील का निर्यात हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में 44,90,055 टन था। यह 12% की गिरावट को दर्शाता है, जिसका मुख्य कारण रेपसीड मील और कैस्टरसीड मील के निर्यात में कमी है।
★ अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान सोयामील का कुल निर्यात 19.40 लाख टन हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 19.34 लाख टन था।
★ ऑयल ईयर अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 (5 महीने) के दौरान सोयामील का निर्यात 10.31 लाख टन रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 13.47 लाख टन था, यानी 23% की गिरावट आई।
★ पिछले महीने सोयामील की कीमत US$ 380 प्रति टन थी, जो घटकर US$ 360 प्रति टन हो गई।
★ रेपसीड मील की मांग में कमी के कारण इसका निर्यात भी घट गया और इसकी कीमत में US$ 80 से अधिक की गिरावट आई।
★ FAS कांडला पर रेपसीड मील की कीमत 17 मार्च 2025 को US$ 190 प्रति टन थी, जो एक महीने पहले US$ 270 प्रति टन थी।
★ अगस्त 2023 से डी-ऑयल राइस ब्रान (DORB) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिससे पूर्वी भारत के घरेलू उत्पादक गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
स्थानीय बाजार में डी-ऑयल राइस ब्रान की कीमत ₹13,500 प्रति क्विंटल से घटकर ₹8,500 प्रति क्विंटल हो गई है।
★ कुल मिलाकर, ऑयलमील के निर्यात में 12% की गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें रेपसीड मील और कैस्टरसीड मील के निर्यात में भारी कमी प्रमुख कारण है। वहीं, केन्या भारतीय सोयामील के लिए एक नए उभरते बाजार के रूप में सामने आया है, जो भविष्य में निर्यात को गति दे सकता है।