ऑस्ट्रेलिया से चना तथा मसूर के निर्यात की गति बेहतर

23-Jan-2025 12:55 PM

ब्रिसबेन । नई फसल की कटाई-तैयारी समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया से अब चना, मसूर एवं फाबा बीन्स जैसे दलहनों का निर्यात बेहतर ढंग से हो रहा है।

शिपिंग आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती चार महीनों में यानी अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से 10 लाख टन से अधिक चना का निर्यात हो सकता है जो सरकारी एजेंसी- अबारेस द्वारा लगाए गए कुल उत्पादन अनुमान 19 लाख टन के 50 प्रतिशत से भी अधिक है।

इसी तरह इन चार महीनों में ऑस्ट्रेलिया से लगभग 3 लाख टन मसूर का शिपमेंट होने की उम्मीद है जो अबारेस के कुल उत्पादन अनुमान 11 लाख टन के एक-तिहाई भाग से कुछ कम है।

शिपिंग कंपनियों के अनुसार अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 की छमाही के दौरान ऑस्ट्रेलियाई बंदरगाहों से करीब 7 लाख टन फाबा बीन्स का निर्यात शिपमेंट हो जाएगा।

इन तीनों प्रमुख दलहनों के निर्यात शिपमेंट की गति पिछले मार्केटिंग सीजन से तेज है क्योंकि एक तो निर्यात मांग काफी मजबूत बनी हुई है और दूसरे, अच्छी क्वालिटी माल का स्टॉक भी मौजूद है। दक्षिण-एशिया तथा मध्य पूर्व के देशों में इन दलहनों का भारी निर्यात हो रहा है। 

मेलबोर्न बंदरगाह एमराल्ड टर्मिनल से आमतौर पर गेहूं, जौ एवं कैनोला का ज्यादा शिपमेंट होता है मगर इस बार वहां अप्रत्याशित रूप से चना तथा मसूर का माल अधिक पहुंच रहा है और इसके निर्यातक ज्यादा संख्या में जहाजों की बुकिंग कर रहे हैं।

श्रीलंका के लिए ब्रिसबेन बंदरगाह से चना की एक-दो खेप भेजी गई थी मगर अब सिडनी के दक्षिण में अवस्थित केम्बला बंदरगाह से पहली बार उसे इस दलहन का शिपमेंट किया जा रहा है।

इसके अलावा भारत, पाकिस्तान, बांग्ला देश, नेपाल तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों को भी भारी मात्रा में ऑस्ट्रेलियाई चना एवं मसूर का शिपमेंट हो रहा है। निर्यातकों को उम्मीद है

कि मुस्लिम बहुल देशों में जनवरी-फरवरी के दौरान खासकर चना में रमजान की जोरदार मांग बरकरार रहेगी।