ऑस्ट्रेलिया में दलहनों का निर्यात बढ़कर 2024 में 38 लाख टन पर पहुंचा

25-Apr-2025 03:45 PM

मेलबोर्न। भारत और बांग्ला देश की जोरदार खरीद के कारण ऑस्ट्रेलिया से दलहनों का कुल निर्यात वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के दौरान 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 38 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। ऑस्ट्रेलिया दलहनों के शिपमेंट में  वर्ष 2017 के दौरान 62 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई थी।   

उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2024 में भारत ऑस्ट्रेलियाई दलहनों का सबसे प्रमुख खरीदार रहा जिसने 16 लाख टन से भी कुछ अधिक दलहनों का आयात किया जो ऑस्ट्रेलिया से हुए दलहनों के कुल निर्यात का 42 प्रतिशत रहा।

उल्लेखनीय है कि मई 2024 में भारत सरकार ने देसी चना के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया था जिससे देश में इसका आयात सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।

इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से भारत में मसूर का आयात भी भारी मात्रा में किया गया। ध्यान देने की बात है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया में देसी चना का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है जबकि मसूर के निर्यात में कनाडा के बाद दूसरे नम्बर पर रहता है।

इसके अलावा वहां से दलहनों के संवर्ग में फाबा बीन्स, मटर एवं ल्यूपिन का निर्यात भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। मिस्र फाबा बीन्स का सर्वाधिक आयात करने वाला देश है। 

वर्ष 2024 में भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया से बांग्ला देश को सर्वाधिक 6.74 लाख टन दलहनों का निर्यात किया गया जो भारत की तुलना में आधा से भी कम रहा। बांग्ला देश में भी मुख्यतः देसी चना एवं लाल मसूर का आयात किया जाता है।

इसके बाद अफ्रीकी देश मिस्र तीसरे नम्बर पर रहा जिसने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से 5.91 लाख टन दलहनों का आयात किया। यह ऑस्ट्रेलिया से दलहनों के हुए कुल निर्यात का करीब 15 प्रतिशत था। 

वर्ष 2013 से 2024 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से भारत को दलहनों के निर्यात में 14.4 प्रतिशत, मिस्र को निर्यात में 9.9 प्रतिशत तथा बांग्ला देश को निर्यात में 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वर्ष 2024 में ऑस्ट्रेलिया से हुए दलहनों के कुल निर्यात में चना,

मसूर एवं फाबा बीन्स का योगदान करीब 94 प्रतिशत रहा। इसमें 16 लाख टन चना एवं 13 लाख टन मसूर की भागीदारी भी शामिल है।