निकट भविष्य में चीनी का निर्यात शुरू होने की संभावना नहीं

12-Sep-2023 12:44 PM

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2022-23 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन के लिए 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति नवम्बर 2022 में इस शर्त पर दी थी कि इसका शिपमेंट 31 मई 2023 तक पूरा हो जाना चाहिए।

वैश्विक बाजार में चीनी की मांग एवं कीमत मजबूत होने से भारतीय मिलर्स एवं निर्यातकों को इस शर्त को पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार 10-20 लाख टन चीनी का अतिरिक्त निर्यात कोटा जारी करेगी लेकिन जब घरेलू उत्पादन में गिरावट आने का संकेत मिलने लगा तब सरकार की मंशा बदल गई।

इस तरह भारतीय चीनी का निर्यात 1 जून 2023 से बंद हो गया। अब परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं कि सरकार निकट भविष्य में चीनी का निर्यात करने की अनुमति नहीं देना चाहेगी।

बेशक पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान गन्ना के बिजाई क्षेत्र में 4.25 लाख हेक्टेयर का शानदार इजाफा हुआ है और राष्ट्रीय स्तर पर इसका रकबा 55.65 लाख हेक्टेयर से उछलकर 59.90 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है लेकिन मौसम एवं मानसून की हालत प्रतिकूल होने से गन्ना की फसल को काफी नुकसान हो रहा है।

इसे देखते हुए इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपनी आरंभिक  रिपोर्ट में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन घटकर 317 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना व्यक्त की है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 328 लाख टन से 11 लाख टन तथा 2021-22 सीजन के रिकॉर्ड उत्पादन 358 लाख टन से 41 लाख टन कम है।

वैसे सरकार को भरोसा है कि 2023-24 सीजन का उत्पादन 2022-23 सीजन के लगभग बराबर ही रहेगा। सरकार कब से फरवरी-मार्च तक चीनी के उत्पादन पर गहरी नजर रखेगी और इसके बाद ही निर्यात खोलने या बंद रखने का निर्यात लेने पर विचार करेगी। लोक सभा चुनाव के कारण उस समय भी निर्णय लेने में सरकार को कठिनाई होगी।