म्यांमार से सात महीनों में 9.55 लाख टन से अधिक दलहनों का निर्यात

09-Nov-2023 04:02 PM

रंगून । भारत को उड़द की सर्वाधिक आपूर्ति करने वाले देश- म्यांमार से दलहनों की अच्छी मात्रा का निर्यात हो रहा है। घरेलू मांग एवं खपत कम होने से म्यांमार को अपने दलहन उत्पादन के अधिकांश भाग का निर्यात करने में सफलता मिल जाती है।

म्यांमार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरूआती करीब सात महीनों में देश से 955 लाख टन से अधिक दलहनों का निर्यात हुआ जिससे 80 करोड़ डॉलर से अधिक की आमदनी प्राप्त हुई। 

मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल से 27 अक्टूबर 2023 के दौरान म्यांमार से कुल मिलाकर 9,55,904 टन दलहनों एवं बीन्स का निर्यात हुआ।

इसमें से 8,21,497 टन का शिपमेंट समुद्री मार्ग से किया गया जबकि शेष 1,34,406 टन का निर्यात सीमा (स्थलीय) मार्ग से हुआ। स्थलीय मार्ग के जरिए म्यांमार से चीन एवं थाईलैंड सहित कुछ अन्य पड़ोसी देशों को दलहन भेजा जाता है जबकि समुद्री मार्ग से इसका शिपमेंट भारत एवं यूरोपीय देशों सहित कई अन्य देशों को होता है। 

समीक्षाधीन अवधि के दौरान म्यांमार से दलहन एवं बीन्स के संवर्ग में सर्वाधिक निर्यात उड़द का हुआ जिसकी निर्यात आय बढ़कर 40.30 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। इसके बाद मूंग के निर्यात से 17 करोड़ डॉलर एवं अरहर (तुवर) के निर्यात से 9.80 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चावल के बाद दलहन ही म्यांमार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है। इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। वहां कुल कृषि उत्पादन में दलहनों एवं बीन्स का योगदान करीब 30 प्रतिशत रहता है।

म्यांमार से भारत, चीन, यूरोपीय संघ एवं कुछ अन्य बाजारों में दलहनों का निर्यात किया जाता है। भारत में म्यांमार से मुख्यत: उड़द एवं तुवर का आयात होता है जबकि मूंग का आयात नहीं किया जाता है क्योंकि इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

म्यांमार अपनी उड़द के अधिकांश भाग का निर्यात भारत को करता है जबकि वह तुवर का भी एक अग्रणी आपूर्तिकर्ता देश है। भारत में दाल-दलहनों का अभाव है इसलिए विदेशों से इसका आयात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। म्यांमार में भी तुवर का निर्यात योग्य स्टॉक काफी कम बचा है।