मध्य प्रदेश में नई कपास की आवक बढ़ने से जिनिंग उद्योग की सक्रियता में सुधार
20-Nov-2023 01:56 PM

इंदौर । हालांकि चालू सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में कपास का उत्पादन कुछ घटने की आशंका व्यक्त की जा रही है लेकिन मंडियों में रूई के नए माल की अच्छी आवक होने से जिनिंग- प्रेसिंग एवं स्पिनिंग उद्योग की सक्रियता बढ़ने लगी है।
कच्चे माल की कमी के कारण जिनिंग इकाइयों की कुल संचित क्षमता के बहुत कम भाग का इस्तेमाल हो रहा था लेकिन अब 50 प्रतिशत से अधिक क्षमता का उपयोग होने लगा है। पिछले सीजन में क्षमता का उपयोग घटकर 20 से 30 प्रतिशत के बीच आ गया था।
अक्टूबर से ही मध्य प्रदेश में कपास की आपूर्ति का नया सीजन आरंभ हो गया था जबकि अब हाजिर बाजार में इसकी आवक बढ़ने लगी है। इसके साथ ही व्यापरियों एवं जिनर्स-मिलर्स द्वारा अच्छी मात्रा में इसकी खरीद की जा रही है।
आगामी समय में जिनिंग इकाइयों की क्षमता के और अधिक भाग का इस्तेमाल होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में जिनिंग इकाइयों की कुल संख्या लगभग 200 है जिसमें से करीब 100 इकाइयां निमाड़ संभाग में क्रियाशील है।
खारगौन मध्य प्रदेश में कपास के कारोबार का एक प्रमुख केन्द्र (हाजिर मंडी) वहां रूई की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है जिससे जिनिंग इकाइयों को अपनी गतिविधि बढ़ाने का अच्छा अवसर प्राप्त हो रहा है। आगे उसकी क्रियाशीलता में और भी सुधार आने के आसार हैं।
एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश में कपास का उत्पादन 2022-23 सीजन के 19 लाख गांठ से घटकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 18 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) पर सिमटने का अनुमान लगाया है।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार उत्पादन में संभावित गिरावट का असर ऑफ सीजन में दिखाई पड़ सकता है लेकिन अभी पीक सीजन होने के कारण मंडियों में कपास की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है।
कम से कम दिसम्बर-जनवरी तक मंडियों में रूई की अच्छी आपूर्ति होने की उम्मीद है और उसके बाद इसकी आवक मुख्यत: बाजार भाव में आने वाली तेजी-मंदी पर निर्भर करेगी।