माटो ग्रोसो में सोयाबीन की दोबारा बिजाई के बजाए कपास की खेती पर किसानों का ध्यान

21-Nov-2023 04:04 PM

सोरिसो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- माटो ग्रोसो के जिन इलाकों में शुष्क एवं गर्म मौसम के कारण सोयाबीन के बीज में अंकुरण नहीं या नगण्य हुआ वहां इसकी दोबारा बिजाई की आवश्यकता है।

लेकिन ऐसा लगता है कि किसान अब सोयाबीन की दोबारा बिजाई नहीं करना चाहते हैं क्योंकि यह जोखिमपूर्ण साबित हो सकता है। इसके बजाए वे कपास की खेती को प्राथमिकता दे सकते हैं क्योंकि इससे किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद है। 

माटो ग्रोसो में असामान्य मौसम से किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है। आमतौर पर इस समय वहां बारिश होनी चाहिए मगर इसके विपरीत मौसम काफी गर्म और सूखा है जिससे सोयाबीन की हाल में हुई बिजाई वाली फसल पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

किसानों की दुविधा बढ़ गई है। या तो वे सोयाबीन की दोबारा बिजाई करे या फिर कपास की अगैती खेती का प्रयास करे। उल्लेखनीय है कि माटो ग्रोसो ब्राजील में सोयाबीन के साथ-साथ कपास का भी सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है।

वहां प्रथम या पूर्ण सीजन के दौरान 10-15 प्रतिशत  कपास का उत्पादन होता है जिसकी खेती दिसम्बर में शुरू हो जाती है। इसके बाद जनवरी में जब सोयाबीन फसल की कटाई-तैयारी शुरू होती है तब सफरीन्हा मक्का एवं कपास की जोरदार बिजाई होने लगती है।

पिछले साल के मुकाबले चालू सीजन के दौरान माटो ग्रोसो प्रान्त में कपास का क्षेत्रफल 8 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख हेक्टेयर पर पहुंच जाने का अनुमान है। ब्राजील में अच्छी क्वालिटी की कपास का उत्पादन होता है।

कपास उत्पादन संघ के डायरेक्टर का मानना है कि इस बार प्रथम या पूर्ण सीजन में कपास की 20 प्रतिशत खेती हो सकती है क्योंकि कई क्षेत्रों में किसान सोयाबीन से कपास की तरफ मुड़ सकते हैं।

इसके फलस्वरूप माटो ग्रोसो प्रान्त में सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्रों में 1.00-1.30 लाख हेक्टेयर तक की गिरावट आ सकती है। हालांकि ब्राजील में सोयाबीन की खेती अपेक्षाकृत कम क्षेत्रफल में होती है मगर वहां इसकी औसत उपज दर काफी ऊंची रहती है और इसलिए कुल उत्पादन बेहतर होता है।

घरेलू प्रभाग में कपास (रूई) की कम खपत होने के कारण ब्राजील अपने अधिकांश उत्पादन का विदेशों में निर्यात कर देता है और अब वह दुनिया में अमरीका के बाद रूई का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है।