कृषि उत्पादन की हकीकत

15-Mar-2025 12:05 PM

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के खरीफ एवं रबी मार्केटिंग सीजन की फसलों का जो दूसरा अग्रिम उत्पादन अनुमान जारी किया है उससे पता चलता है कि तमाम अड़चनों एवं बाधाओं- चुनौतियों के बावजूद देश में खाद्यान्न का शानदार उत्पादन होने वाला है।

इसके तहत खासकर चावल, गेहूं तथा मक्का के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना व्यक्त की गई है। दलहन-तिलहन फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया गया है मगर नकदी या औद्योगिक फसलों जैसे गन्ना, कपास एवं जूट की पैदावार में गिरावट आने की आशंका जताई गई है।

कृषि मंत्रालय का यह दूसरा अग्रिम उत्पादन अनुमान है जबकि आगामी महीनों में दो और अनुमान जारी होने वाले हैं जिसमें मौजूदा आंकड़ों में कुछ परिवर्तन हो सकता है इसलिए वर्तमान उत्पादन आंकड़े को अंतिम नहीं माना जा सकता है।

लेकिन खासकर चावल, गेहूं एवं मक्का का उत्पादन अनुमान इतना ऊंचा लगाया गया है कि आगे इसमें 5-10 लाख टन की कटौती होने के बाद भी कुल आंकड़ा नए रिकॉर्ड स्तर पर बरकरार रह सकता है।

उदाहरणस्वरूप 2024-25 के सीजन में चावल का घरेलू उत्पादन उछलकर 1364.40 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है जो इससे पूर्व 2022-23 सीजन के रिकॉर्ड उत्पादन 1357.60 लाख टन से ही नहीं बल्कि 2023-24 सीजन के उत्पादन 1278.60 लाख टन से भी काफी अधिक है।

इसी तरह गेहूं का उत्पादन उछलकर 1154.30 लाख टन के नए ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 1132.90 लाख टन से 21.40 लाख टन अधिक है।

इसके अलावा खरीफ कालीन मक्का का उत्पादन बढ़कर 248.10 लाख टन तथा रबी कालीन उत्पादन सुधरकर 124.40 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है जिससे कुल उत्पादन 372.50 लाख टन पर पहुंच जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 2023-24 में 376.70 लाख टन तथा 2022-23 के सीजन में 380.90 लाख टन मक्का का उत्पादन आंका गया था मगर उसमें ग्रीष्मकालीन या जायद मक्का का उत्पादन भी शामिल था जबकि 2024-25 सीजन के उत्पादन में जायद मक्का सम्मिलित नहीं है।

उसके शामिल होने के बाद उत्पादन का आंकड़ा नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। दलहनों के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की संभावना व्यक्त की गई है जिसमें तुवर, मसूर एवं चना मुख्य रूप से शामिल है।

लेकिन सरसों का उत्पादन करीब 4 लाख टन घटने की संभावना व्यक्त की गई है। उद्योग-व्यापार क्षेत्र को अनेक खाद्य उत्पादों के सरकारी उत्पादन आंकड़े पर संदेह है।