गेहूं के रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन से आयात की संभावना समाप्त
22-May-2025 01:47 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 सीजन के दौरान गेहूं का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़कर 1154.30 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने की संभावना व्यक्त की है
जबकि अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने तो कुल उत्पादन उछलकर 1170 लाख टन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो कुल वार्षिक मांग एवं खपत से काफी ज्यादा है और इसलिए विदेशों से इसके आयात की आवश्यकता लगभग समाप्त हो गई है।
भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। 2024-25 के रबी सीजन के दौरान न केवल गेहूं के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई बल्कि मौसम की अनुकूल हालत से औसत उपज दर में भी सुधार आया करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक का कहना है कि कहीं से कोई सूचना नहीं मिली।
जलवायु रोधी, उच्च उत्पादकता वाले बीजों का उपयोग ज्यादा क्षेत्रों में होने से गेहूं के उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है। फसल की कटाई-तैयारी लगभग समाप्त हो चुकी है लेकिन खरीद-बिक्री का दौर अभी जारी है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय फिलहाल उत्पादन के आंकड़े के आंकलन- विश्लेषण कर रहा है और उसके तीसरे अग्रिम अनुमान में गेहूं के उत्पादन आंकड़े में कुछ बदलाव होने की संभावना है। उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने भी इस वर्ष गेहूं का घरेलू उत्पादन पिछले साल से बेहतर होने का अनुमान लगाया है।
शानदार घरेलू उत्पादन को देखते हुए फ्लोर मिलर्स अब सरकार से गेहूं उत्पादकों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आग्रह कर रहे हैं।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार को निर्यात प्रतिबंध हटाने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।
दिलचस्प तथ्य यह है कि दिसम्बर-जनवरी में जब घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता घट गई थी और कीमतों में उछाल आ गया था तब उद्योग द्वारा सरकार से इसके आयात शुल्क में कटौती की मांग की जा रही थी।
फेडरेशन के अध्यक्ष के अनुसार सरकारी गोदाम भरे हुए हैं और प्राइवेट व्यापारियों के पास भी गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। गेहूं फसल की कटाई-तैयारी लगभग समाप्त हो गई है या बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। ऐसी हालत में सरकार को गेहूं उत्पादों का निर्यात खोल देना चाहिए।