चना उत्पादन, आपूर्ति, आयात, खपत और स्टॉक रिपोर्ट (2021-2025): आई-ग्रेन इंडिया एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
25-Apr-2025 01:58 PM

चना उत्पादन, आपूर्ति, आयात, खपत और स्टॉक रिपोर्ट (2021-2025): आई-ग्रेन इंडिया एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
वर्ष 2021 से 2025 तक भारत में चना (ग्राम) की उत्पादन, आपूर्ति, आयात, खपत और अंतिम भंडार पर आधारित संक्षिप्त व्यापारिक अनुमान रिपोर्ट
उत्पादन:
पिछले पाँच वर्षों में चना उत्पादन में हल्का उतार-चढ़ाव रहा। 2022 में उत्पादन चरम पर 90 लाख टन तक पहुंचा, जबकि 2024 में यह घटकर 80 लाख टन रह गया। 2025 में यह फिर से 85 लाख टन पर आ गया, जो सामान्य स्तर है। पिछले सीजन में मिले अच्छे भाव के कारण बिजाई में वृशि दर्ज की गई, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा सरसों की जगह चना बिजाई को दी गई प्राथिमिकता।
आयात:
2025 में आयात में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई, पुरे वित्त वर्ष में आयात 13.13 लाख टन। यह पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और कीमतों को नियंत्रित रखने और उपलब्धता बनाये रखने के लिए आयात खोला गया। यह आयात तब खोला गया जब ऑस्ट्रेलिया में चना बिजाई शुरू होने वाली थी जिससे वहां उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़त देखी गई।
आपूर्ति:
उत्पादन, आयात और ओपनिंग स्टॉक को मिलाकर कुल आपूर्ति 2025 में 125.03 लाख टन तक पहुँच गई, जो पिछले 5 सलून की सबसे ऊँची मात्रा है। आयात और उत्पादन बढ़ने से आपूर्ति बढ़ी।
खपत:
घरेलू खपत लगभग हर साल 80 से 85 लाख टन के बीच। 2024 में यह 85 लाख टन के उच्चतम स्तर पर रही, परन्तु मटर आयात खोले जाने के बाद खपत घने की प्रबल आशंकाएं बन रही हैं।
बकाया स्टॉक:
2025 में चने का अंतिम भंडार 41.03 लाख टन रहने की उम्मीद, जो पिछले वर्ष 26.90 लाख टन से लगभग 52% अधिक है।
निष्कर्ष:
भारत में चने की उपलब्धता वर्ष 2025 में भरपूर बनी रहने की उम्मीद।
उत्पादन और आयात के चलते आपूर्ति मांग से काफी अधिक हो गई है, जिससे स्टॉक में इजाफा हुआ है।
अन्य दालों के मुकाबले मंडियों में आवक के दौरान कीमतें MSP के आसपास बानी रही जिसका असर सरकारी खरीद पर पड़ा।
आवक के दौरान मिलों और स्टॉकिस्टों में प्रचुर मात्रा में माल ख़रीदा जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलता रहा।
सरकारी खरीद कम रहने से भविष्य में बाजार असल सप्लाई और डिमांड पर चलेंगे जिससे समय समय पर कीमतों को सपोर्ट मिलता रहेगा।
देखना होगा कि मटर आयात पर क्या निर्णय लिए जायेगा।
जिस तरह मसूर और चना आयात पर शुल्क लगाया गया उससे संकेत मिलते हैं कि मटर आयात पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।