चीनी के घरेलू बाजार भाव में भारी तेजी-मंदी की संभावना नहीं

27-Jun-2025 10:35 AM

नई दिल्ली। चालू माह (जून) के दौरान घरेलू बाजार में चीनी की बिक्री कमजोर देखी जा रही है। क्योंकि मानसून की सक्रियता बढ़ने से इसकी औद्योगिक मांग प्रभावित हुई है।

सरकार ने जून के लिए 23 लाख टन चीनी के घरेलू बिक्री का कोटा निर्धारित किया था जबकि माह के अंत तक इसमें से करीब 21.50 लाख टन की ही बिक्री होने की संभावना है। इस तरह जुलाई के लिए 1.50 लाख टन चीनी का विशेष (बकाया) कोटा उपलब्ध रह सकता है। 

इस बीच केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने जुलाई माह के लिए 22 लाख टन चीनी की घरेलू बिक्री का कोटा नियत किया है और यदि जून माह के 1.50 लाख टन का बकाया कोटा भी इसमें शामिल हो गया तो कुल उपलब्धता बढ़कर 23.50 लाख टन पर पहुंच जाएगी।

ज्ञात हो कि जुलाई को सबसे अधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है और इसमें मानसून लगभग समूचे देश में सक्रिय रहता है। गर्मी के अभाव एवं वर्षा की अधिकता के कारण जुलाई में ही चीनी की औद्योगिक मांग कमजोर रहने की संभावना है। 

दिलचस्प तथ्य यह है कि वर्ष 2023 एवं 2024 के जुलाई माह के लिए 24-24 लाख टन चीनी का फ्री सेल कोटा नियत किया गया था जिसके मुकाबले जुलाई 2025 में कोटा 2 लाख टन घटाकर 22 लाख टन निर्धारित किया गया है।

सैद्धांतिक रूप से कम कोटा जारी होने के कारण चीनी के दाम में तेजी-मजबूती का माहौल बनना चाहिए लेकिन बकाया स्टॉक तथा मांग के अभाव में ऐसा होना मुश्किल लगता है।

मिलर्स चीनी के एक्सफैक्टरी मूल्य में कटौती करने के लिए तैयार नहीं होंगे क्योंकि इससे उसके लाभांश में कमी आ जाएगी जबकि बल्क खरीदार ऊंचे दाम पर खरीद में कम दिलचस्पी दिखा सकते हैं

क्योंकि उसे अपने उत्पादों- आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स एवं मिष्ठान आदि का भाव स्थिर रखने की जरूरत पड़ेगी अन्यथा इसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।

इससे प्रतीत होता है कि अगले महीने चीनी का भाव काफी हद तक स्थिर रहेगा। चीनी का एक्सफैक्टरी मूल्य फिलहाल महाराष्ट्र में 3780/4050 रुपए प्रति क्विंटल तथा उत्तर प्रदेश में 3830/4000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।

यद्यपि 2023-24 सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन 18 प्रतिशत घटकर 261 लाख टन पर सिमट गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत एक निश्चित दायरे में ही घूमती रही।