बांधों-जलाशयों में लगातार 32 वें सप्ताह पानी के स्तर में गिरावट
17-May-2024 03:32 PM
नई दिल्ली । महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक एवं बंगाल सहित कुछ अन्य प्रांतों में हाल के दिनों में मानसून पूर्व की अच्छी बारिश होने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर 150 प्रमुख- जलाशयों में लगातार 32 वें सप्ताह पानी के स्तर में गिरावट दर्ज की गई जो गंभीर चिंता का विषय है।
केन्द्रीय जल उपयोग की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार इन 150 जलाशयों में संयुक्त रूप से कुल भंडारण क्षमता का महज 25 प्रतिशत पानी उपलब्ध है।
उत्तरी एवं पश्चिमी संभाग में जलस्तर घटकर 30 प्रतिशत से नीचे आ गया है जबकि दक्षिणी राज्यों में तो यह 15 प्रतिशत से भी नीचे चला गया है।
इससे वहां पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न होने की आशंका है। समझा जाता है कि जून 2023 में अल नीनो मौसम चक्र के आगमन तथा अगस्त- सितम्बर में लम्बे समय तक सूखे का माहौल बरकरार रहने से बांधों- जलाशयों में पानी का स्तर लगातार घटता गया।
यह सिलसिला अब भी जारी है। पिछले साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में सामान्य औसत स्तर से कम बारिश हुई थी।
आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के मुताबिक चालू सप्ताह के दौरान इन 150 बांधों जलाशयों में कुल मिलाकर 45.277 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का स्टॉक मौजूद है जो इसकी सकल भंडारण क्षमता 178.784 बीसीएम का महज 25 प्रतिशत है।
पिछले साल की समान अवधि में वहां 57.993 बीसीएम पानी का भंडार था जबकि इसका 10 वर्षीय औसत 49.074 बीसीएम आंका गया है।
इन 150 जलाशयों में से 120 या 80 प्रतिशत जलाशय में 40 प्रतिशत से कम पानी बचा हुआ है जबकि कुल मिलाकर 90 प्रतिशत जलाशय में 40 प्रतिशत से कम बचा हुआ है जबकि कुल मिलाकर 90 प्रतिशत जलाशय में भंडारण क्षमता की तुलना में 50 प्रतिशत से कम पानी का स्टॉक मौजूद है।
बिहार का एक मात्रा जलाशय भी पिछले सप्ताह सूख गया जबकि चालू सप्ताह में उत्तराखंड का नानक सागर जलाशय सूख गया। उधर दक्षिण भारत के पांच जलाशयों में पानी नहीं है। दक्षिण-पश्चिम मानसून चालू माह के अंतिम या जून के प्रथम सप्ताह में आने की संभावना है।