बिजाई क्षेत्र में वृद्धि के संकेत से मक्का का उत्पादन बढ़ने के आसार
01-Jul-2025 10:47 AM

नई दिल्ली। बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्त्तरी होने तथा मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल रहने से चालू वर्ष के दौरान मक्का का घरेलू उत्पादन 5-10 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मक्का की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ती जा रही है और खासकर एथनॉल निर्माण में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होने लगा है। पशु आहार पॉल्ट्री फीड एवं स्टार्च निर्माण उद्योग में भी इस्तेमाल बढ़ रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2024-25 के पूरे मार्केटिंग सीजन के दौरान मक्का का घरेलू उत्पादन बढ़कर 422.80 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया
जो 2023-24 सीजन के सकल उत्पादन 376.60 लाख टन से 12.26 प्रतिशत अधिक रहा। इस आंकड़े में खरीफ, रबी एवं जायद (ग्रीष्मकालीन) तीनों सीजन का उत्पादन शामिल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर 27 जून तक मक्का का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 23.69 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के क्षेत्रफल 21.35 लाख हेक्टेयर से करीब 11 प्रतिशत ज्यादा है।
अधिकांश बिजाई कर्नाटक में हुई है जो मक्का का एक प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। इस बार खरीफ कालीन मक्का का सामान्य औसत क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर 78.95 लाख हेक्टेयर नियत हुआ है और कुल रकबा इससे ऊपर पहुंचने की उम्मीद है।
कम्पाउंड लिवस्टॉक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन का कहना है कि इस वर्ष मक्का के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होना स्वाभाविक ही है।
सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2225 रुपए प्रति क्विंटल से 175 रुपए बढ़ाकर 2400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है जबकि इसकी घरेलू मांग काफी मजबूत बनी हुई है। मौसम एवं वर्षा की हालत भी अनुकूल है। इसके फलसरूप मक्का की बिजाई में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ जाएगा।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने पर भी मक्का के दाम में नरमी नहीं आएगी क्योंकि इसकी खपत बहुत बढ़ गई है।
एथनॉल उद्योग किसी भी अतिरिक्त उत्पादन को इस्तेमाल में लाने में सक्षम है और उसकी जरूरत भी बढ़ती जाएगी। मक्का की अगली नई फसल अक्टूबर 2025 से आनी शुरू हो जाएगी।