भारत में स्टॉक कम होने से कनाडाई काबुली चना निर्यातकों को फायदा
09-Nov-2023 06:32 PM

टोरंटों । गर्म एवं शुष्क मौसम के कारण इस बार कनाडा में काबुली चना का उत्पादन घट गया मगर दाने की क्वालिटी अच्छी बताई जा रही है। वहां इसका पिछला बकाया स्टॉक भी कम बचा है।
इधर भारत में काबुली चना की सीमित आपूर्ति हो रही है क्योंकि अब लीन या ऑफ सीजन शुरू हो गया है। नई फसल के लिए इसकी बिजाई भी आरंभ हो चुकी है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार भारत में स्टॉक कम होने से वैश्विक बाजार में उत्तरी अमरीका महाद्वीप के देशों में उत्पादित काबुली चना की मांग बढ़ सकती है।
वहां कनाडा, मैक्सिको तथा अमरीका में काबुली चना का उत्पादन होता है। भारत में इसका नया माल अगले साल मार्च-अप्रैल में आएगा जबकि इसकी छिटपुट आवक फरवरी में शुरू हो सकती है। कनाडा के खरीदार काफी सावधानी बरत रहे हैं जिससे पिछले एक सप्ताह के दौरान वहां इसके बाजार भाव में थोड़ी-नरमी आई है।
भारत सरकार ने चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है जबकि मसूर एवं गेहूं का समर्थन मूल्य 7 प्रतिशत बढ़ा दिया है। लेकिन इससे चना के बिजाई क्षेत्र पर असर पड़ना आवश्यक नहीं है।
चना का थोक मंडी भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है इसलिए इसके बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान लगाना अभी ठीक नहीं होगा। काबुली चना का भाव तो लम्बे समय से काफी ऊंचे स्तर पर विराजमान है।
लैटिन अमरीकी देश अर्जेन्टीना में उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं मगर वैश्विक बाजार इससे ज्यादा प्रभवित नहीं होगा। वर्तमान समय में कनाडा में जनवरी तथा फरवरी डिलीवरी के लिए नम्बर 2 क्वालिटी के बड़े दाने वाले काबुली चना का एफओबी भाव 52 सेंट प्रति पौंड चल रहा है जबकि छोटी साइज वाले चना का दाम इससे नीचे है और उसमें खरीदारों की कुछ मांग भी निकल रही है। यदि काबुली चना का भाव ऊंचा रहा तो अगले वर्ष कनाडा में इसका क्षेत्रफल बढ़ सकता है।