अगस्त का आंकड़ा आने से पूर्व पाम तेल का वायदा भाव नरम

08-Sep-2023 07:57 AM

जकार्ता । मलेशियाई पाम तेल का वायदा भाव पिछले लगातार चार दिनों से स्थिर या नरम बना हुआ है और सरकारी संस्था- मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) की रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है जिसमें अगस्त माह के दौरान मलेशियाई पाम तेल के उत्पादन, निर्यात एवं बकाया स्टॉक का विवरण शामिल होगा। 

कुआलालम्पुर स्थित बुर्सा मलेशिया डेरीवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में नवम्बर डिलीवरी के लिए बेंचमार्क क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा मूल्य पिछले दिन 50 रिंगिट या 1.29 प्रतिशत घटकर 3831 रिंगिट (819.11 डॉलर) प्रति टन पर बंद हुआ।

हालांकि एम्पोब की मासिक रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है लेकिन उससे पूर्व उद्योग-व्यापार समीक्षकों ने जो अनुमान व्यक्त किया है उससे पता चलता है कि अगस्त के अंत में मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़कर 18.90 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले छह माह का सबसे ऊंचा स्तर है। समीक्षकों ने अगस्त के दौरान मलेशियाई पाम तेल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने एवं निर्यात में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है। 

एम्पोब की मासिक रिपोर्ट 11 सितम्बर (सोमवार) को जारी होने की संभावना है जिसमें अगस्त माह के दौरान मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन, आयात, घरेलू उपयोग तथा बकाया स्टॉक और मलेशिया से हुए इसके निर्यात आदि का आधिकारिक आंकड़ा प्रस्तुत किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। भारत में वहां से पाम तेल की विशाल मात्रा का आयात होता है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार पाम तेल के कारोबारी फिलहाल सावधानी बरत रहे हैं और एम्पोब की रिपोर्ट आने के बाद बाजार की दिशा और दशा में कुछ बदलाव हो सकता है।

उधर अमरीका के शिकागो एक्सचेंज तथा चीन के डालियान कॉमोडिटी एक्सचेंज में लम्बे समय से सोया तेल तथा पाम तेल का वायदा भाव नरम बना हुआ है जिसका असर की बीएमडी एक्सचेंज में सीपीओ के वायदा मूल्य पर देखा जा रहा है।

पिछले दिन डालियान एक्सचेंज में सर्वाधिक सक्रिय माह के लिए सोयाबीन तेल का वायदा भाव 1.40 प्रतिशत तथा पाम तेल का वायदा मूल्य 2.09 प्रतिशत घट गया।

इसी तरह शिकागो एक्सचेंज में सोया तेल के वायदा मूल्य में 0.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। भारत में इंडोनेशिया एवं मलेशिया के साथ-साथ थाईलैंड से भी पाम तेल के आयात में भारी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।