आपूर्ति के ऑफ सीजन में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने हेतु सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक मौजूद
09-May-2025 04:15 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय पूल में 1 अप्रैल 2025 को करीब 118.70 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जबकि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में अभी तक 280 लाख टन से अधिक की खरीदारी हो चुकी है इस तरह गेहूं का कुल स्टॉक बढ़ गया।
पिछले साल कुल मिलाकर 266 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। गेहूं की सरकारी खरीद अभी जारी है। सरकार ने इसकी खरीद का लक्ष्य भी 312.70 लाख टन से 20 लाख टन बढ़ाकर 332.70 लाख टन निर्धारित किया है।
यह वृद्धि मध्य प्रदेश के लिए की गई है वहां इस बार किसान सरकारी क्रय केन्द्रों पर अपना माल उतारने में भारी सक्रियता दिखा रहे हैं क्योंकि वहां किसानों को 2600 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य प्राप्त हो रहा है।
अच्छी बात यह है कि इस बार सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ प्राइवेट फर्मों को भी किसानों से गेहूं खरीदने में अच्छी सफलता मिल रही है जिसमें फ्लोर मिलर्स / प्रोसेसर्स एवं व्यापारियों- स्टॉकिस्टों के साथ कुछ बढ़ी कंपनियां भी शामिल हैं।
इसके फलस्वरूप आगामी महीनों में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद की जा रही है। इससे दो बातें होंगी। एक तो खुले बाजार में गेहूं की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल आने की संभावना क्षीण पड़ जाएगी और दूसरे, सरकार को भी अपने स्टॉक से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने में जल्दबाजी नहीं दिखानी पड़ेगी।
वैसे आपूर्ति का पीक सीजन अगले महीने समाप्त हो जाएगा। और तब कीमतों में कुछ तेजी-मजबूती का माहौल बन सकता है लेकिन भाव इतना ऊपर जाना मुश्किल लगता है कि सरकार को भंडारण सीमा लागू करने के लिए विवश होना पड़े।
पंजाब-हरियाणा में 15 मई तक गेहूं की सरकारी खरीद होती है जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार एवं गुजरात में 31 मई से 30 जून तक खरीदारी हो सकती है।
यदि कुल सरकारी खरीद 300 लाख टन पर या उससे आगे पहुंचती है तो सरकार को खुले बाजार में प्रभावित ढंग से हस्तक्षेप करने का अवसर मिल जाएगा। कल्याणकारी योजनाओं में भी आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है।