उड़ीसा में भाव काफी ऊंचा होने से तुवर की मांग में भारी गिरावट

13-Sep-2023 09:40 AM

भुवनेश्वर । खुदरा बाजार में दाल-दलहन की तेजी से बढ़ती कीमतों ने इसकी मांग एवं खपत को प्रमाणित करना शुरू कर दिया है। उड़ीसा में तुवर दाल को काफी पसंद किया जाता है मगर ऊंचे दाम के कारण यह आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है।

उड़ीसा में तुवर दाल को 'हरादा' कहा जाता है। पिछले यह माह के दौरान वहां इसके दाम में 50 प्रतिशत का भारी इजाफा हो चुका है। व्यापारियों के अनुसार खुदरा बाजार में तुवर दाल का भाव फरवरी में 100-120 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा था जो मार्च में सुधरकर 130 रुपए प्रति किलो एवं अप्रैल में बढ़कर 140-145 रुपए प्रति किलो पर पहुंचा।

अब थोक बाजार में ही पॉलिशदार अरहर दाल का दाम 150 रुपए प्रति किलो एवं गैर पॉलिश्ड दाल का भाव 165 रुपए प्रति किलो चल रहा है जिससे इसका खुदरा मूल्य भी उछलकर 175-180 रुपए प्रति किलो के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।

इसी तरह उड़ीसा में उड़द (बीरी) दाल का भाव अप्रैल के 93-107 रुपए प्रति किलो से बढ़कर सितम्बर में 110-125 रुपए प्रति किलो हो गया जबकि खुदरा मूल्य इससे 5-10 रुपए प्रति किलो ऊपर चल रहा है।

इसके अलावा एक अन्य लोकप्रिय दाल-बूरा का दाम भी अप्रैल के 55-57 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर अब 75-85 रुपए प्रति किलो हो गया है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान मूंग दाल की कीमत भी 88 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 95-100 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई।

उड़ीसा व्यवसायी महासंघ के महामंत्री का कहना है कि अत्यन्त ऊंचे भाव के कारण तुवर दाल की खपत 25-30 प्रतिशत घट गई है। दालों की कुल मांग भी करीब 20 प्रतिशत कम हो गई है।

ऐसा लगता है कि दाल-दलहन की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है और सटोरिया कारोबार के कारण इसके दाम में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है।