तिल का रकबा गत वर्ष से एक लाख हेक्टेयर पीछे

12-Sep-2023 03:22 PM

नई दिल्ली । खरीफ और रबी- दोनों सीजन में उत्पादित होने वाले तिलहन- तिल का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 12.96 लाख हेक्टेयर से 99 हजार हेक्टेयर घटकर चालू खरीफ सीजन में 11.97 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। अधिकांश इलाकों में बिजाई की प्रकिया समाप्त हो चुकी है लेकिन बारिश के अभाव में इसकी फसल को नुकसान होने की खबर आ रही है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान तिल का उत्पादन क्षेत्र आंध्र प्रदेश में 19 हजार हेक्टेयर से गिरकर 6 हजार हेक्टेयर, गुजरात में 72 हजार हेक्टेयर से घटकर 58 हजार हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 4.01 लाख हेक्टेयर,

गुजरात में 72 हजार हेक्टेयर से घटकर 58 हजार हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 4.01 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 3.52 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 2.65 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.38 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया लेकिन मध्य प्रदेश में इसका बिजाई क्षेत्र 3.94 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

देश के अन्य राज्यों में भी तिल का क्षेत्रफल गत वर्ष के 1.39 लाख हेक्टेयर से गिरकर इस बार 1.24 लाख हेक्टेयर रह गया। महाराष्ट्र में इसका रकबा 6 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 4 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया।

हालांकि मध्य अगस्त तक सभी प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में तिल की फसल अच्छी हालत में थी और किसान उम्मीद कर रहे थे कि जल्दी ही बारिश होने पर इसकी स्थिति और भी बेहतर हो जाएगी।

लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अगस्त का महीना अच्छी बारिश के बगैर ही बीत गया। इससे खासकर वर्षा पर आश्रित इलाकों में तिल की फसल क्षतिग्रस्त हो गई। लगभग सभी प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में तिल की फसल को एक अच्छी वर्षा की सख्त जरूरत है।