सितम्बर में सामान्य चावल का निर्यात लुढ़का- बासमती का बढ़ा

21-Nov-2023 11:49 AM

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा नियंत्रात्मक उपायों को लागू किए जाने के कारण सामान्य श्रेणी के चावल का निर्यात प्रदर्शन काफी कमजोर पड़ गया है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सितम्बर 2023 में गैर बासमती चावल के निर्यात में सितम्बर 2022 के मुकाबले मात्रा की दृष्टि से करीब 57 प्रतिशत तथा आमदनी के दृष्टिकोण से 60 प्रतिशत की जोरदार गिरावट दर्ज की गई।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 20 जुलाई 2023 को गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था जबकि 100 प्रतिशत टूटे चावल के निर्यात पर सितम्बर 2022 से ही पाबन्दी लगी हुई है।

इसके बाद अगस्त 2023 में गैर बासमती सेला चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू कर दिया गया जिससे इसके शिपमेंट की गति भी कुछ धीमी पड़ गई।

हालांकि सरकारी स्तर पर सफेद चावल के निर्यात पर कोई रोक टोक नहीं है और सरकार ने करीब एक दर्जन देशों के लिए उसके विशेष अनुरोध पर 10 लाख टन से ज्यादा सफेद (कच्चे) चावल का निर्यात कोटा भी आवंटित किया है लेकिन सितम्बर में इसका शिपमेंट आरंभ नहीं हो सका था।

जहां तक बासमती चावल का सवाल है तो केन्द्र सरकार ने 26 अगस्त 2023 को इसके लिए 1200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) निर्धारित किया था लेकिन सितम्बर के निर्यात पर इसका विशेष असर नहीं पड़ा क्योंकि उसका अनुबंध पहले ही हो चुका था।

इसके फलस्वरूप सितम्बर 2022 की तुलना में सितम्बर 2023 के दौरान भारत से बासमती चावल की निर्यात मात्रा में 5.7 प्रतिशत एवं निर्यात आय में 20.5 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। अक्टूबर में इसका निर्यात कम होने का अनुमान है।

वैसे अब सरकार ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन निर्धारित का दिया है लेकिन गैर बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। इस संवर्ग में अब देश से केवल सेला (पक्का) चावल का ही निर्यात हो रहा है।