अल नीनो के बावजूद अगले सीजन में चीनी का अभाव होने की संभावना नहीं
08-Sep-2023 05:28 AM
पुणे । सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लि० (एनएफसीएसएफ) का कहना है कि यद्यपि अल नीनो मौसम चक्र के कारण महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे राज्यों में बारिश कम होने से गन्ना की पैदावार आंशिक रूप से प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है लेकिन इसके बावजूद कुल मिला कर देश में चीनी का सामान्य उत्पादन होने के आसार हैं और इसलिए आगामी मार्केटिंग सीजन में इसका अभाव महसूस नहीं होना चाहिए।
फेडरेशन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार महाराष्ट्र के कुछ भागों में मानसून की सुस्ती से सूखे जैसा माहौल अवश्य बना है लेकिन देश के अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों एवं उत्तराखंड आदि में फसल की हालत लगभग सामान्य देखी जा रही है। इन प्रांतों में अच्छी वर्षा होने से गन्ना की औसत उपज दर एवं चीनी की रिकवरी दर बेहतर रहने की उम्मीद है।
फेडरेशन के प्रबंध निदेशक के अनुसार बाजार में बड़े पैमाने पर अफवाह फैली हुई है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान गन्ना एवं चीनी के घरेलू उत्पादन में भारी गिरावट आएगी और देश में चीनी की कमी रहेगी जबकि वास्तविक स्थिति इस अटकल बाजी से भिन्न है। उनका कहना है कि देश के कुछ राज्यों में गन्ना की उपज दर इस बार ऊंची रहने की संभावना है।
पहले कर्नाटक में चीनी का उत्पादन घटकर 35 लाख टन के करीब रह जाने की आशंका व्यक्त की जा रही थी जबकि हकीकत में वहां इसके मुकाबले कम से कम 10 लाख टन अधिक चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है।
इसी तरह देश के सबसे प्रमुख गन्ना एवं चीनी उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में पिछले सीजन (2022-23) के मुकाबले 2023-24 में चीनी का कुल उत्पादन करीब 10 लाख टन अधिक होने की आशा है क्योंकि एक तो वहां गन्ना के क्षेत्रफल में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और दूसरे, फसल की प्रगति भी बेहतर ढंग से ही हो रही है।
जहां तक महाराष्ट्र का सवाल है तो निस्संदेह अगस्त माह के दौरान लम्बे समय तक वहां मौसम शुष्क रहा लेकिन सितम्बर में अच्छी बारिश होने से गन्ना की फसल को काफी राहत मिलने के आसार हैं। इस बात की चर्चा भी हो रही है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गुजरात की कुछ इकाइयां विदेशों से कच्ची चीनी का आयात कर सकती है ताकि अपनी क्षमता का बेहतर उपयोग कर सकें।