ओएमएसएस वाले गेहूं की खरीद में मिलर्स-प्रोसेसर्स की दिलचस्पी कम
14-Nov-2025 01:54 PM
नई दिल्ली। हालांकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 2025-26 के लिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से गेहूं बेचने के लिए साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया आरंभ कर दी है लेकिन फिलहाल मिलर्स-प्रोसेसर्स इसकी खरीद में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
इस नीलामी के तहत खाद्य निगम ने 2 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया था मगर इसके 30-37 प्रतिशत भाग की ही बिक्री संभव हो सकी।
दरअसल खुले बाजार (थोक मंडी) में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है और कीमत भी प्रतिस्पर्धी स्तर पर बनी हुई है इसलिए मिलर्स-प्रोसेसर्स अपेक्षाकृत महंगे दाम वाले सरकारी गेहूं की खरीद के प्रति ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।
गत 12 नवम्बर 2025 को आयोजित साप्ताहिक नीलामी के दौरान खाद्य निगम को 2 लाख टन के ऑफर के सापेक्ष केवल 72,856 टन या 36 प्रतिशत गेहूं बेचने में सफलता हासिल हो सकी जबकि पिछले साल उसे भारी मात्रा में गेहूं बेचने का अवसर मिला था। दिसम्बर में गेहूं की नीलामी बिक्री शुरू हुई थी।
उस समय प्रत्येक दौर की नीलामी के दौरान मिलर्स प्रोसेसर्स द्वारा भारी मात्रा में सरकारी गेहूं खरीदा गया था क्योंकि उसका खुला बाजार भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा था और मंडियों में कम माल आ रहा था।
आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान का कहना है कि इस वर्ष सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है और खपत वाले राज्यों में भी इसकी अच्छी उपलब्धता देखी जा रही है।
मिलर्स- प्रोसेसर्स इस बार अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए सरकारी गोदामों में मौजूद गेहूं पर ज्यादा निर्भर नहीं है। सरकारी गेहूं का ऑफर मूल्य भी आकर्षक या प्रतिस्पर्धी नहीं हैं।
सरकारी गेहूं का रिजर्व मूल्य 2550 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि किराया - भाड़ा इससे अलग है। खुले बाजार में गेहूं 2600-3000 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य स्तर पर उपलब्ध है।
