News Capsule/न्यूज कैप्सूल: एफसीआई के गेहूं टेंडर परिणाम: बाजार में अधिशेष आपूर्ति के बीच ओएमएसएस बिक्री पर सवाल

14-Nov-2025 02:23 PM

News Capsule/न्यूज कैप्सूल: एफसीआई के गेहूं टेंडर परिणाम: बाजार में अधिशेष आपूर्ति के बीच ओएमएसएस बिक्री पर सवाल
★ भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा 12 नवम्बर 2025 को आयोजित पहले गेहूं टेंडर के परिणाम सामने आए हैं। इस टेंडर में कुल 2 लाख टन का आवंटन किया गया था। प्राप्त बोलियों की मात्रा 49,192 टन रही, जिसमें से 46,326 टन गेहूं स्वीकृत हुआ। सबसे ऊंची बोली ₹2,919 प्रति क्विंटल (केरल) से आई, जबकि सबसे कम बोली ₹2,550 (मध्य प्रदेश) की रही। औसत बोली मूल्य ₹2,754 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। यह मूल्य फ्रेट के बिना है।
★ इसके मुकाबले, पिछले वर्ष 4 दिसम्बर 2024 को आयोजित एफसीआई के पहले टेंडर में कुल 1 लाख टन का आवंटन हुआ था, जिसमें 98,470 टन गेहूं स्वीकृत हुआ। उस समय सबसे ऊंची बोली ₹3,157 (असम) और सबसे कम ₹2,690 (तमिलनाडु) की रही थी। औसत बोली मूल्य ₹2,995 प्रति क्विंटल (फ्रेट सहित) था। इस प्रकार दोनों टेंडरों के औसत मूल्यों में ₹241 प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई।
★ वर्तमान में खुले बाजार में गेहूं की भरपूर उपलब्धता है। सभी राज्यों में गेहूं अधिशेष मात्रा में मौजूद है और बाजार दरें स्थिर हैं। दिल्ली गेहूं 12 नवम्बर 2025 को ₹2,830 प्रति क्विंटल था, जो पिछले वर्ष इसी तारीख को ₹3,160 प्रति क्विंटल था यानी भाव पिछले वर्ष से ₹330 कम है।
★ कीमतों के नियंत्रण में होने और आपूर्ति पर्याप्त होने के बावजूद एफसीआई द्वारा अचानक ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के फैसले ने उद्योग जगत में सवाल खड़े कर दिए हैं।
★ जब बाजार में न तो किसी प्रकार की कमी थी और न ही कीमतों में असामान्य वृद्धि, तो इस योजना को तत्काल लागू करने की आवश्यकता क्या थी।
★ कई मिलर्स और व्यापारियों ने इस कदम पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि यह निर्णय “बिना किसी तात्कालिक आवश्यकता” के लिया गया प्रतीत होता है। पहले से लागू स्टॉक लिमिट और स्थिर कीमतों की स्थिति में यह फैसला उद्योग के लिए सही संकेत नहीं माना जा रहा।
★ उपरोक्त सभी कारणों की देखते हुए ऐसा लगता है कि OMSS के तहत बेचे जनि वाले टेंडर अब प्रति सप्ताह की जगह 1 सप्ताह के अंतराल के बाद यानि 2 सप्ताह में 1 बार निकलेंगे।