नई निर्यात प्रोत्साहन स्कीम में मसालों को भी शामिल करने का आग्रह

14-Nov-2025 07:53 PM

कोच्चि। विश्व मसाला संगठन (वर्ल्ड स्पाइस आर्गेनाइजेशन या डब्ल्यूएसओ) ने भारत सरकार से नई निर्यात प्रोत्साहन स्कीम में मसालों एवं मसाला उत्पादों को भी शामिल करने का आग्रह किया है।

मालूम हो कि यह निर्यात स्कीम 12 नवम्बर से आरंभ हुई है। संगठन का कहना है कि अमरीकी टैरिफ के कारण भारत से मसालों के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और यदि मसालों को नई स्कीम में सम्मिलित किया गया तो उत्पादकों- निर्यातकों को कुछ राहत मिल सकती है।  

डब्ल्यूएसओ के चेयरमैन का कहना है कि पिछले वर्ष के दौरान भारतीय अर्थ व्यवस्था में मसाला क्षेत्र द्वारा लगभग 39,000 करोड़ रुपए का महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।

भारत से लगभग 16 प्रतिशत मसालों का निर्यात सिर्फ अमरीका को होता है मगर अब वहां इस पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा दिया गया है जिसके चलते इसका शिपमेंट बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। 

इस आर्गेनाइजेशन द्वारा आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक दो-दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। आज यानी 14 नवम्बर से कांफ्रेंस आरंभ हो गया जो कल यानी 15 नवम्बर को भी जारी रहेगा।

इस कांफ्रेंस में मसालों की गुणवत्ता सुधारने, उत्पादन की निरंतरता को बनाए रखने तथा मसाला उद्योग के अंदर बाजार सम्पर्क को व्यवस्थित करने के उपायों एवं तौर-तरीकों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। 

चेयरमैन के अनुसार दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप के विशाल बाजार में भारतीय मसालों का निर्यात बढ़ाने की जबरदस्त गुंजाईश है और इस मौके का फायदा उठाने के लिए सरकार को उद्योग की भरपूर सहायता करनी चाहिए।

सरकारी सहयोग-समर्थन के सहारे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाया जा सकता है। अफ्रीका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में मसालों का बाजार 14.20 अरब डॉलर पर पहुंच गया है लेकिन फिलहाल वहां अमरीका एवं चीन का वर्चस्व है और इसके संयुक्त निर्यात की भागीदारी 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है

जबकि भारत की हिस्सेदारी महज 60 करोड़ डॉलर की ही है। अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यात बढ़ाकर अमरीकी बाजार की कमी को पूरा किया जा सकता है।