खाद्य तेलों के आयात में गिरावट आने की संभावना

12-Nov-2025 09:15 PM

मुम्बई। भारत में 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के दौरान खाद्य तेलों के सकल आयात में कमी आने के संकेत मिले है। हालांकि अभी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) का विश्वसनीय एवं बेंचमार्क आंकड़ा सामने नहीं आया है लेकिन उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने जो अनुमान लगाया है उससे पता चलता है कि खाद्य तेलों के आयात में 5-7 लाख टन की गिरावट आ गई। 

एसोसिएशन की पिछली रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर 2024 से सितम्बर 2025 के 11 महीनों में देश के अंदर करीब 143 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ जबकि 2023-24 सीजन की इसी अवधि में आयात 148 लाख टन दर्ज किया गया था।

उद्योग व्यापार क्षेत्र के मुताबिक अक्टूबर 2025 में करीब 12-13 लाख टन खाद्य तेलों का आयात होने का अनुमान है जो अक्टूबर 2024 के आयात से 10-12 प्रतिशत तथा सितम्बर 2025 के आयात 16 लाख टन से 3-4 लाख टन कम है।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान खाद्य तेलों का सकल आयात घटकर 155 लाख टन के आसपास सिमट सकता है जो 2023-24 सीजन के 160 लाख टन तथा 2022-23 सीजन के आयात 165 लाख टन से कम है।  

खाद्य तेलों का आयात घटने के बावजूद विदेशी तेलों पर भारत की निर्भरता काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है। इस बार खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन घटने एवं मूंगफली की पैदावार बढ़ने की उम्मीद है।

रबी सीजन में सरसों का शानदार उत्पादन हो सकता है क्योंकि इसके बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हो रही है और मौसम की हालत भी अनुकूल बनी हुई है।

आगामी महीनों में पाम तेल का वैश्विक बाजार भाव ऊंचा एवं तेज रहने की संभावना है क्योंकि इंडोनेशिया में जैव ईंधन के निर्माण में 50 प्रतिशत पाम तेल के उपयोग का अनिवार्य नियम लागू हो सकता है।

भारत में 2025-26 का नया मार्केटिंग सीजन 1 नवम्बर से आरंभ हो चुका है जो अगले साल 31 अक्टूबर तक बरकरार रहेगा। नए सीजन में भी पाम तेल का आयात कुछ घट सकता है।