खाद्य तेलों का आयात खर्च 1.61 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा
14-Nov-2025 08:50 PM
मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 सीजन की तुलना में 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान खाद्य तेल की आयात मात्रा में तो कम वृद्धि हुई मगर वैश्विक बाजार भाव ऊंचा रहने से इस पर होने वाले खर्च की राशि में भारी इजाफा हो गया।
एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में 159.60 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ था जो 2024-25 में सुधरकर 160 लाख टन से कुछ ऊपर पहुंच गया। दूसरी ओर इसका आयात खर्च इसी अवधि के दौरान 1.32 लाख करोड़ रुपए से करीब 22 प्रतिशत उछलकर 1.61 लाख करोड रुपए पर पहुंच गया।
उल्लेखनीय है कि भारत में मुख्यतः क्रूड पाम तेल, आरबीडी पामोलीन क्रूड सोयाबीन तेल एवं क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात होता है जिसे इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, अर्जेन्टीना, ब्राजील, रूस, यूक्रेन तथा अमरीका जैसे देशों से मंगाया जाता है। इसके अलावा अब नेपाल के रिफाइंड खाद्य तेल का भारी आयात होने लगा है। इस बार 6 हजार टन रेपसीड तेल का भी आयात किया गया।
एसोसिएशन के मुताबिक पिछले दो दशकों (20 वर्षों) में यानी 2004-05 से लेकर 2024-25 के दौरान भारत में खाद्य तेलों के आयात की मात्रा में 2.2 गुणा की वृद्धि हुई जबकि इसका आयात खर्च करीब 15 गुणा बढ़ गया।
2024-25 के मार्केटिंग सीजन में 160 लाख टन खाद्य तेल के आयात पर करीब 1.61 लाख करोड़ रुपए का खर्च बैठा जो 18.30 अरब डॉलर के समतुल्य रहा। यह अत्यन्त विशाल राशि है और अर्थ व्यवस्था पर गंभीर असर डाल रही है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2023-24 की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान भारत में रिफाइंड खाद्य तेलों का आयात 19.31 लाख टन से घटकर 17.37 लाख टन रह गया जबकि क्रूड खाद्य तेलों का आयात 140.31 लाख टन से बढ़कर 142.74 लाख टन पर पहुंच गया।
