गुजरात में रबी फसलों की बिजाई गत वर्ष से पीछे
12-Nov-2025 04:33 PM
अहमदाबाद। देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात में रबी फसलों का न केवल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से पीछे है बल्कि इसकी बिजाई की गति भी धीमी चल रही है। एक तरफ जहां पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में 9.15 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 60.53 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती हो चुकी है वहीं दूसरी ओर गुजरात में इसका रकबा 3 लाख हेक्टेयर तक भी नहीं पहुंच पाया है। वैसे आगामी समय में बिजाई की गति तेज होने की उम्मीद है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार गुजरात में इस वर्ष 10 नवम्बर तक रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 2.72 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 3.09 लाख हेक्टेयर से 37 हजार हेक्टेयर कम है।
अच्छी बात यह है कि मुख्य रबी फसलों के साथ वहां मसाला फसलों की बिजाई भी आरंभ हो चुकी है और जीरा तथा धनिया का रकबा बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में मौजूदा रबी सीजन के दौरान गुजरात में अनाजी फसलों का उत्पादन क्षेत्र 18 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 24 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर दलहनों का बिजाई क्षेत्र 47 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 46 हजार हेक्टेयर, तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 77 हजार हेक्टेयर से घटकर 59 हजार हेक्टेयर तथा गन्ना का रकबा 64 हजार हेक्टेयर से गिरकर 46 हजार हेक्टेयर रह गया।
अनाजी फसलों में गेहूं एवं मक्का का उत्पादन क्षेत्र तो बढ़ा है लेकिन ज्वार की बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई है। गेहूं का रकबा 10 हजार हेक्टेयर ओर मक्का का रकबा 14 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा है। आगे बिजाई की रफ्तार तेज होने की प्रबल संभावना है।
दलहन फसलों में चना का उत्पादन क्षेत्र तो 14 हजार हेक्टेयर से उछलकर 37 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन अन्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र 32 हजार हेक्टेयर से घटकर 9 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।
दूसरी ओर तिलहन फसलों के संवर्ग में वहां सरसों का उत्पादन क्षेत्र उम्मीद के विपरीत 76 हजार हेक्टेयर से घटकर 59 हजार हेक्टेयर रह गया।
मसाला फसलों में जीरा का उत्पादन क्षेत्र 1174 हेक्टेयर से उछलकर 3716 हेक्टेयर तथा धनिया का बिजाई क्षेत्र 382 हेक्टेयर से बढ़कर 1066 हेक्टेयर पर पहुंचा
लेकिन ईसबगोल का क्षेत्रफल 94 हेक्टेयर से घटकर 10 हेक्टेयर तथा सौंफ का रकबा 1432 हेक्टेयर से गिरकर 913 हेक्टेयर रह गया। रबी फसलों की बिजाई अभी लम्बे समय तक जारी रहेगी।
