आपूर्ति के ऑफ सीजन में जीरा का भाव मजबूत रहने की संभावना

12-Nov-2025 08:53 PM

राजकोट। गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरे की आपूर्ति कमजोर पड़ने लगी है जबकि घरेलू एवं निर्यात मांग में सुधार आने के आसार हैं। भारत में लग्नसरा का सीजन होने से जीरा की खपत बढ़ने की उम्मीद है।

उधर वैश्विक बाजार में तुर्की, सीरिया एवं ईरान के जीरे की आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी आने लगी है। चीन के आयातक भारत से खरीद बढ़ा सकते है।

अन्य खरीदार देशों में भी स्टॉक कम बताया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के शुरूआती पांच महीनों में भारतीय जीरे की वैश्विक मांग कमजोर रही जिससे इसका निर्यात घट गया। 

पिछले दिन ऊंझा मंडी में तकरीबन 10 हजार बोरी जीरे की आवक हुई और मांग कुछ बेहतर होने से कीमतों में प्रति 20 किलो पर 20 से 50 रुपए तक की तेजी दर्ज की गई। वायदा में भी सुधार आया।

सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- गुजरात में इस महत्वपूर्ण मसाला फसल की बिजाई शुरू हो गई है और पिछले साल के मुकाबले इस बार क्षेत्रफल में अच्छी बढ़ोत्तरी के संकेत मिल रहे हैं। मौसम एवं मिटटी की हालत बिजाई के लिए अनुकूल है। यदि आगामी समय में रकबा ज्यादा बढ़ता है तो बाजार भाव पर दबाव पड़ सकता है। 

गुजरात कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान रबी सीजन के दौरान राज्य में 10 नवम्बर 2025 तक जीरा का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 3716 हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 1174 हेक्टेयर के तीन गुणा से भी ज्यादा यानी 2542 हेक्टेयर अधिक है।

कच्छ एवं सौराष्ट्र संभाग में बिजाई होने लगी है मगर मध्य गुजरात में अभी शुरू नहीं हुई है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों में देश से 92,810 टन जीरा का निर्यात हुआ जो पिछले साल के इन्हीं महीनों के शिपमेंट 1,11,532 टन से 17 प्रतिशत कम रहा। घरेलू एवं निर्यात मांग सुधरने पर जीरा का  भाव मजबूत रह सकता है।