15 लाख टन चीनी का निर्यात होने पर भी घरेलू आपूर्ति पर असर नहीं
12-Nov-2025 08:58 PM
नई दिल्ली। 2025-26 के वतमान मार्केटिंग सीजन के लिए केन्द्र सरकार ने उद्योग को 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने एक निर्णय लिया है।
इसका स्वागत करते हुए शीर्ष उद्योग संगठन- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा है कि इस कोटे की सम्पूर्ण मात्रा का शिपमेंट होने पर भी घरेलू प्रभाग में चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्ध पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा।
स्वदेशी उपभोक्ताओं के लिए चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रहेगा और मार्केटिंग सीजन एक अंत में उद्योग के पास भी अच्छी मात्रा में चीनी मौजूद रहेगी। इस निर्यात कोटे से उद्योग को कुछ राहत अवश्य मिल जाएगी।
इस्मा के अनुसार 2025-26 सीजन के दौरान 309.50 लाख टन चीनी का घरेलू उत्पादन (खाद्य उद्देश्य के लिए) होने की संभावना है जबकि सीजन के आरंभ में करीब 50 लाख टन का बकाया स्टॉक मौजूद था।
इसके फलस्वरूप सीजन के दौरान चीनी की कुल आपूर्ति 359.50 लाख टन पर पहुंचेगा। इसमें से सीजन के दौरान 285 लाख टन चीनी की घरेलू खपत होगी और उद्योग के पास 74.50 लाख टन का अधिशेष स्टॉक बचेगा।
इसमें से यदि 15 लाख टन चीनी का अधिशेष स्टॉक मौजूद रह सकता है जो 2026-27 के मार्केटिंग सीजन के आरम्भिक ढाई महीने की घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।
इस्मा ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार से 20 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी देने का आग्रह किया था मगर फिलहाल 15 लाख टन की स्वीकृति देने का फैसला किया गया है। यह निर्णय भी अभी सैद्धांतिक है क्योंकि इसकी कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
इस्मा का कहना है कि पिछले सीजन की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में चीनी के उत्पादन में शानदार बढोत्तरी होने की उम्मीद है जबकि उत्तर प्रदेश में भी कुछ सुधर सकता है।
उसका मानना है कि चीनी की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में यह 15 लाख टन का निर्यात कोटा काफी मददगार साबित हो सकता है।
