14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को समाप्त किए जाने के वस्त्र उद्योग को फायदा

14-Nov-2025 05:39 PM

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने उन 14 पेट्रो रसायन उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को वापस ले लिया है जिसका उपयोग वस्त्र उद्योग से लेकर उच्च प्रदर्शन वाले प्लास्टिक तक के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण घटक (इनपुट) के रूप में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की समाप्ति से उपभोक्ता उद्योगों को काफी राहत मिलेगी और उसे विभिन्न स्रोतों से पेट्रो रसायन उत्पादों को हासिल करने का अवसर प्राप्त हो जाएगा। सरकार का यह निर्णय स्वदेशी निर्माताओं एवं आयात- दोनों पर समान रूप से प्रभावी होगा। 

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में प्रावधान किया गया था कि विदेशी उत्पादक कंपनियों को भारत में अपना उत्पाद बेचने से पहले अपनी निर्माण इकाइयों तथा उत्पादन के लिए प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा।

स्वदेशी निर्माताओं को भी इस नियम का पालन करना पड़ रहा था जिससे खर्च एवं समय ज्यादा लग रहा था। ध्यान देने की बात है कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की संख्या वर्ष 2016 में 70 से भी कुछ कम थी जो वर्ष 2025 तक आते-आते बढ़कर 790 के करीब पहुंच गई। इसमें से अधिकांश आदेश पिछले पांच साल में लागू हुए थे। 

नए निर्णय में जिन खास उत्पादों को शामिल किया गया है उसमें 100 प्रतिशत पॉलिएस्टर स्पन भूरे एवं सफेद यार्न, पॉलिएस्टर इंडस्ट्रीयल यार्न, स्टेपल, फाइबर्स, पॉलीविनाइल क्लोराइड होमोपॉलीमर्स एवं टेरेस्थापिक एसिड आदि सम्मिलित हैं।

इससे पूर्व सरकार कपड़ा एवं सिले-सिलाये वस्त्र उद्योग के लिए 12 नवम्बर को तो एक निर्यात पैकेज की घोषणा कर चुकी है। इससे भारतीय निर्यातकों को अमरीकी टैरिफ का सामना करने में अच्छी सहायता मिलेगी और कपड़ा उद्योग का आत्मविश्वास बढ़ेगा। रूई पर आयात शुल्क पहले ही माफ को चुका  है।